इम्यूनोथेरेपी: कैंसर उपचार का एक आधुनिक तरीका

TABLE OF CONTENTS
इम्यूनोथेरेपी क्या है?
डॉ. कुंजाहारी मेढ़ी के अनुसार, हमारे शरीर का इम्यून सिस्टम विभिन्न बीमारियों, बैक्टीरिया और अन्य हानिकारक पदार्थों से हमारी रक्षा करता है। हालांकि, कैंसर कोशिकाओं की एक खास विशेषता होती है जिससे वे इम्यून सिस्टम से बच जाते हैं, अर्थात इम्यून सिस्टम कैंसर कोशिकाओं को हानिकारक पदार्थ के रूप में पहचान नहीं पाता है और इसलिए उन्हें नष्ट नहीं कर सकता।
इम्यूनोथेरेपी एक ऐसी चिकित्सा पद्धति है जिसमें कुछ दवाओं के द्वारा शरीर के इम्यून सिस्टम को सक्रिय किया जाता है। इस प्रकार सक्रिय इम्यून सिस्टम कैंसर कोशिकाओं को हानिकारक पदार्थ के रूप में पहचान लेता है और उन्हें नष्ट कर देता है।
इम्यूनोथेरेपी के प्रकार
डॉ. मेढ़ी बताते हैं कि इम्यूनोथेरेपी के अलग-अलग प्रकार होते हैं:
इम्यून चेकपॉइंट इनहिबिटर्स: ये मोनोक्लोनल एंटीबॉडी होते हैं जो इंजेक्शन के द्वारा दिए जाते हैं।
कैंसर वैक्सीन: इसके दो प्रकार हैं:
प्रिवेंटिव कैंसर वैक्सीन (जैसे सर्वाइकल कैंसर वैक्सीन)
थेरेप्यूटिक कैंसर वैक्सीन (जैसे प्रोस्टेट कैंसर में इस्तेमाल होने वाला सिप्युलेसील-टी)
टी-सेल थेरेपी
नॉन-स्पेसिफिकइम्यूनोथेरेपी
किन कैंसर में इम्यूनोथेरेपी का उपयोग होता है?
डॉ. मेढ़ी के अनुसार, इम्यूनोथेरेपी का उपयोग मुख्य रूप से कैंसर के एडवांस्ड स्टेज में किया जाता है, और कुछ मामलों में स्टेज 3 के कैंसर में भी इसका उपयोग किया जाता है। इम्यूनोथेरेपी निम्नलिखित कैंसर के उपचार में प्रयोग की जाती है:
फेफड़ों का कैंसर
किडनी कैंसर
मलिग्नैंट मेलेनोमा
स्तन कैंसर
कोलो रेक्टल कैंसर
सिर और गले का कैंसर
लिवर कैंसर
पेट का कैंसर
क्या इम्यूनोथेरेपी से कैंसर ठीक हो सकता है?
डॉ. मेढ़ी बताते हैं कि इम्यूनोथेरेपी से कैंसर के प्रतिक्रिया अलग-अलग होती है। कुछ मामलों में, विशेष रूप से जब बायोमार्कर्स जैसे PD-L1 या MSI-high या MMR-डेफिशिएंट पॉजिटिव होते हैं, तब इम्यूनोथेरेपी बहुत अच्छा परिणाम देती है।
हालांकि, वे स्पष्ट करते हैं कि अधिकांश मामलों में हम कैंसर को पूरी तरह से ठीक नहीं कर सकते, लेकिन इम्यूनोथेरेपी से बीमारी को नियंत्रित किया जा सकता है, जीवन को लंबा किया जा सकता है और जीवन की गुणवत्ता को बेहतर बनाया जा सकता है।
इम्यूनोथेरेपी के दुष्प्रभाव
कीमोथेरेपी और टारगेटेड थेरेपी के विपरीत, इम्यूनोथेरेपी के दुष्प्रभाव कम होते हैं, लेकिन बिल्कुल बिना साइड इफेक्ट्स के नहीं होते हैं। कीमोथेरेपी के सामान्य दुष्प्रभाव जैसे बाल झड़ना, मुँह में छाले होना, ब्लड काउंट कम होना, भूख कम होना, वजन कम होना या कमजोरी होना, इम्यूनोथेरेपी में नहीं देखे जाते हैं।
हालांकि, डॉ. मेढ़ी बताते हैं कि चूंकि इम्यूनोथेरेपी इम्यून सिस्टम को सक्रिय करके काम करती है, इसलिए इम्यून सिस्टम के अति-उत्तेजित होने या अधिक सक्रिय होने के कारण कुछ दुष्प्रभाव हो सकते हैं:
जोड़ों में दर्द
डायरिया
हार्मोनल असंतुलन (जैसे थायरॉयड हार्मोन के स्तर में परिवर्तन)
न्यूमोनाइटिस (फेफड़ों में समस्या)
इम्यूनोथेरेपी कैसे दी जाती है?
डॉ. मेढ़ी के अनुसार, इम्यूनोथेरेपी की दवाएँ इंजेक्शन के माध्यम से दी जाती हैं। ये दो से तीन सप्ताह के अंतराल पर डे-केयर प्रक्रिया के रूप में दी जाती हैं। मरीज को केवल दो से तीन घंटे अस्पताल में रहना होता है; वे अस्पताल आते हैं, अपना इंजेक्शन लेते हैं, और उसी दिन घर वापस चले जाते हैं।
डॉ. मेढ़ी बताते हैं कि इम्यूनोथेरेपी देने में बहुत कम इन्फ्यूजन संबंधित जटिलताएं होती हैं, जिससे इसे देना बहुत आसान होता है।
भारत में अनुमोदित इम्यूनोथेरेपी दवाएँ
डॉ. मेढ़ी के अनुसार, ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) ने भारत में पांच इम्यूनोथेरेपी दवाओं को मंजूरी दी है, जो मोनोक्लोनल एंटीबॉडी हैं:
पेम्ब्रोलिज़ुमैब
निवोलुमैब
अटेज़ोलिज़ुमैब
दुर्वालुमैब
एपिलिमुमैब
इन दवाओं का मेदांता हॉस्पिटल में नियमित रूप से उपयोग किया जाता है, और मरीजों को इनसे लाभ हो रहा है।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
इम्यूनोथेरेपी क्या है?
इम्यूनोथेरेपी एक प्रकार का कैंसर उपचार है जो शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को सक्रिय करके काम करता है, ताकि यह कैंसर कोशिकाओं को पहचान और नष्ट कर सके।
इम्यूनोथेरेपी किन प्रकार के कैंसर में प्रभावी है?
इम्यूनोथेरेपी फेफड़ों के कैंसर, किडनी कैंसर, स्तन कैंसर, लिवर कैंसर और पेट के कैंसर जैसे कई प्रकार के कैंसर के उपचार में उपयोग की जाती है।
क्या इम्यूनोथेरेपी कीमोथेरेपी से बेहतर है?
इम्यूनोथेरेपी और कीमोथेरेपी अलग-अलग तरीकों से काम करती हैं, और एक का दूसरे से बेहतर होना मरीज के विशिष्ट कैंसर प्रकार और स्टेज पर निर्भर करता है। इम्यूनोथेरेपी के दुष्प्रभाव आमतौर पर कीमोथेरेपी के दुष्प्रभाव से कम गंभीर होते हैं।
इम्यूनोथेरेपी के दुष्प्रभाव क्या हैं?
इम्यूनोथेरेपी के संभावित दुष्प्रभावों में जोड़ों में दर्द, डायरिया, हार्मोनल असंतुलन और कभी-कभी फेफड़ों की समस्याएं (न्यूमोनाइटिस) शामिल हैं।
इम्यूनोथेरेपी कैसे दी जाती है?
इम्यूनोथेरेपी इंजेक्शन के रूप में दी जाती है, आमतौर पर दो से तीन सप्ताह के अंतराल पर। यह एक डे-केयर प्रक्रिया है, जिसमें मरीज को केवल कुछ घंटों के लिए अस्पताल में रहना होता है।
क्या इम्यूनोथेरेपी से कैंसर का इलाज हो सकता है?
जबकि इम्यूनोथेरेपी कुछ मामलों में कैंसर को पूरी तरह से ठीक कर सकती है, अधिकांश मामलों में यह बीमारी को नियंत्रित करने, जीवन को बढ़ाने और जीवन की गुणवत्ता में सुधार करने में मदद करती है।
This blog has been converted from the Youtube video- इम्यूनोथेरेपी | डॉ कुंजाहारी मेढ़ी | मेदांता हॉस्पिटल, गुरुग्राम