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किडनी ट्रांसप्लांट: क्या बढ़ता वजन है चिंता का विषय?

वजन बढ़ने के कारण

किडनी ट्रांसप्लांट के मरीजों के लिए सख्त आहारशैली पर रहना बहुत जरूरी होता है। वे अक्सर डाइटिशियन के बताए अनुसार खान-पान का पालन करते हैं। फिर भी, देखा गया है कि सख्त आहारशैली पर रहने के बावजूद, इन रोगियों का वजन बढ़ जाता है।

इसका सीधा-सीधा मतलब यह है कि सिर्फ ख़ान-पान ही वजन बढ़ने के लिए जिम्मेदार नहीं है। डॉ. घोष के अनुसार, सबसे महत्वपूर्ण कारण है किडनी ट्रांसप्लांट के मरीजों को दी जाने वाली दवाइयां, जिन्हें ‘इम्यूनोसप्रेशन’ कहा जाता है। ये दवाएँ शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को कम कर देती हैं।

इन दवाओं में स्टेरॉयड का एक बहुत बड़ा योगदान होता है, जिसके कारण वजन बढ़ जाता है।
कोई भी व्यक्तिचाहे वह अंग प्राप्त करने वाला हो (recipient), दाता हो (donor), या कोई सामान्य व्यक्तिअगर वह स्टेरॉयड पर है, तो उसका वजन बढ़ सकता है।
क्योंकि यह स्टेरॉयड की एक प्राकृतिक विशेषता होती है कि वह शरीर में तरल की रुकावट और भूख बढ़ाने का काम करता है, जिससे वजन तेजी से बढ़ने लगता है।

वजन बढ़ने का नई किडनी पर प्रभाव

वजन बढ़ने से शरीर के हर अंग को अतिरिक्त काम करना पड़ता है। जितना अधिक वजन होगा, शरीर के विषाक्त पदार्थों (टॉक्सिन्स) को फ़िल्टर करने के लिए किडनी को उतना ही अधिक काम करना पड़ेगा।

चूंकि ट्रांसप्लांट के बाद रोगी के पास केवल एक ही किडनी होती है, इसलिए उस पर निश्चित रूप से अतिरिक्त भार पड़ता है। हालांकि, डॉ. घोष बताते हैं कि ये मरीज नेफ्रोलॉजिस्ट के निकट निगरानी में रहते हैं और उनकी दवाओं को हर कुछ दिनों में समायोजित (एडजस्ट) किया जाता है, क्योंकि नई किडनी शरीर के साथ समायोजित हो रही होती है।

उन्होंने यह भी बताया कि देखा गया है कि ट्रांसप्लांट के तीन से छह महीने बाद, ये मरीज स्टेरॉयड्स की न्यूनतम खुराक पर आ जाते हैं, जिससे उनका वजन नियंत्रित या स्थिर हो जाता है। इस स्थिर वजन को नई किडनी आराम से सँभाल लेती है।

इसी तरह, शरीर के अन्य अंगों जैसे हृदय और फेफड़ों पर भी कोई बड़ा प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ता है। हालांकि, डॉ. घोष यह भी सलाह देते हैं कि अप्राकृतिक वजन वृद्धि (अननेचुरल वेट गेन) निश्चित रूप से चिंता का विषय है, और अगर ऐसा कुछ हो तो इस बारे में डॉक्टर से चर्चा करनी चाहिए।

किडनी ट्रांसप्लांट के रोगियों के लिए आहार संबंधी सुझाव

किडनी ट्रांसप्लांट के मरीजों के लिए एक विशेष आहार चार्ट होता है, जो डाइटिशियन द्वारा तैयार किया जाता है। डॉ. घोष बताते हैं कि ये मरीज आम लोगों की तरह बाहर का खाना या कटी हुई चीजें नहीं खा सकते हैं।

उन्हें घर का, ताजा पका हुआ भोजन देना सबसे अच्छा होता है, जिसे स्वच्छ और स्वास्थ्यकर (हाइजीनिक) परिस्थितियों में तैयार किया गया हो। मरीज के हाथ भी धोए होने चाहिए।

ऐसा इसलिए है क्योंकि किसी भी प्रकार का संक्रमण, चाहे वह यूरिनरी इंफेक्शन हो या पेट का संक्रमण (गैस्ट्रोएंटर इंफेक्शन) जिससे दस्त हो जाए, वह किसी न किसी तरह से किडनी को नुकसान पहुंचाता है।

इसलिए हर संक्रमण को गंभीरता से लेना चाहिए, क्योंकि ट्रांसप्लांट के मरीज इन चीजों के लिए अधिक संवेदनशील होते हैं। उनका जोखिम स्तर काफी अधिक होता है। स्टेरॉयड लेने वाले व्यक्तियों को अपनी सेहत को लेकर बहुत सतर्क रहना पड़ता है। ऐसे में ताज़ा पका हुआ घर का खाना उनके लिए सबसे अच्छा विकल्प होता है। कई बार हम कह तो देते हैं कि "ताज़े फल और सब्ज़ियाँ खाओ",
लेकिन अगर वो फल–सब्ज़ियाँ ठीक से नहीं धोई गईं, गंदे पानी से धोई गईं, या छिलके नहीं उतारे गए,
तो ये सब चीज़ें संक्रमण (या पाचन से जुड़ी परेशानियाँ पैदा कर सकती हैं —खासकर उनके लिए जिनकी इम्यूनिटी पहले से दबाई गई हो।

ताजे फल और व्यायाम के बारे में

डॉ. घोष बताते हैं कि ट्रांसप्लांट के मरीजों को सलाह दी जाती है कि वे ताजे फल और सब्जियां न खाएं। यह जानकर कई लोगों को आश्चर्य होता है। वे यह भी बताते हैं कि ‘ट्रांसप्लांट ओलंपिक’ नाम की एक प्रतियोगिता होती है।

व्यायाम के बारे में, डॉ. घोष बताते हैं कि ट्रांसप्लांट के मरीज अच्छे एथलीट हो सकते हैं, जो दौड़ और अन्य कार्यक्रमों में भाग लेते हैं। हाल ही में ऑस्ट्रेलिया में हुई प्रतियोगिता में भारत का प्रदर्शन बहुत अच्छा था।

वे सलाह देते हैं कि व्यायाम जरूर करना चाहिए, क्योंकि इससे स्वस्थ जीवन आगे बढ़ सकता है।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)

किडनी ट्रांसप्लांट के बाद वजन क्यों बढ़ता है?

किडनी ट्रांसप्लांट के बाद वजन बढ़ने का मुख्य कारण इम्यूनोसप्रेशन दवाएँ हैं, विशेष रूप से स्टेरॉयड, जो शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को कम करती हैं।

क्या बढ़ा हुआ वजन नई किडनी को नुकसान पहुंचा सकता है?

हाँ, अत्यधिक वजन नई किडनी पर अतिरिक्त भार डाल सकता है। हालांकि, डॉ. घोष के अनुसार, तीन से छह महीने बाद स्टेरॉयड की खुराक कम हो जाने पर वजन स्थिर हो जाता है, जिसे नई किडनी आसानी से सँभाल लेती है।

किडनी ट्रांसप्लांट के मरीजों के लिए आहार संबंधी क्या सावधानियां बरतनी चाहिए?

मरीजों को घर का, ताजा पका हुआ स्वच्छ भोजन खाना चाहिए। बाहर का खाना या अधिक प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थ नहीं खाने चाहिए। उन्हें अपने हाथ धोकर खाना खाना चाहिए।

क्या किडनी ट्रांसप्लांट के मरीज ताजे फल और सब्जियां खा सकते हैं?

ट्रांसप्लांट के मरीजों को सलाह दी जाती है कि वे ताजे फल और सब्जियां न खाएं, क्योंकि उनमें संक्रमण का खतरा हो सकता है।

क्या किडनी ट्रांसप्लांट के बाद व्यायाम करना चाहिए?

हाँ, व्यायाम जरूर करना चाहिए, क्योंकि यह स्वस्थ जीवन जीने में मदद करता है। कई ट्रांसप्लांट के मरीज अच्छे एथलीट होते हैं और विभिन्न प्रतियोगिताओं में भाग लेते हैं।

किडनी ट्रांसप्लांट के बाद संक्रमण से बचने के लिए क्या करना चाहिए?

संक्रमण से बचने के लिए स्वच्छता बनाए रखना महत्वपूर्ण है। हाथ धोना, स्वच्छ परिस्थितियों में तैयार किया गया घरेलू भोजन खाना, और किसी भी संक्रमण के लक्षणों पर तुरंत चिकित्सकीय सलाह लेना आवश्यक है।

This blog has been converted from the Youtube video- किडनी ट्रांसप्लांट : क्या बढ़ता वजन है चिंता का विषय? | डॉ प्रसून घोष | मेदांता गुरूग्राम

Dr. Prasun Ghosh
Renal Care
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